चुनाव आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान किया है. चुनाव की तारीखों के एलान के बाद से ही इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. कुछ मुस्लिम धर्म गुरु और मुस्लिम नेताओं ने रमजान के महीने में चुनाव की तारीखें रखने पर एतराज जताया. हालांकि अब चुनाव आयोग ने सामने आते हुए कहा है कि उन्होंने तारीखों के एलान के वक्त त्योहार का ख़याल रखा गया है, पर पूरे महीने चुनाव टालना संभव नहीं था.
चुनाव आयोग ने कहा, ”रमजान के दौरान चुनाव होंगे, क्योंकि पूरा महीना चुनाव टालना संभव नहीं थी. हालांकि शुक्रवार और त्योहार के दिन चुनाव नहीं हों, इस बात का ख़याल रखा गया है.”
इससे पहले रमजान के दिनों में आम चुनाव की तारीखें पड़ने के बाद लखनऊ में मुस्लिम धर्म गुरु खालिद रशीद फिरंगी महली, बंगाल में ममता सरकार के मंत्री फिरहाद करीम और दिल्ली में आप विधायक अमानतुल्ला ने एतराज जताया था. इन लोगों ने कहा था कि रमजान के महीने में वोट डालने में करोड़ों रोजेदारों को परेशानी होगी.
इन नेताओं और धर्मगुरुओं के विपरीत एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव को लेकर अलग प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव तिथि पर आपत्ती जताने वालों को भी आड़े हाथों लिया.
रमजान के पवित्र महीने में लोकसभा चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “इस महीने में चुनाव का विरोध करने वालों को रमजान के बारे में क्या जानकारी है? भारत में रमजान चांद की स्थिति के हिसाब से 5 मई से शुरू होगा और ईद होगी 4 या 5 पांच जून को. जब हमारे देश में चुनाव प्रक्रिया को 3 या 4 जून तक पूरा करना जरूरी है तो, रमजान से पहले चुनाव होना मुमकिन ही नहीं है.”